Poems On Friendship दोस्ती पर आधारित कुछ कविताएं

Poems on friendship in Hindi
वक्त – कल और आज
Written by Nitu Saha
अलग अलग रंग है, अलग अलग ढंग है ,
हर कोई यहाँ एक से बरकर एक है।
रंग -रंगीले दोस्तों से सजी अपनी छोटी सी ये कक्षा है
दिन भर लड़ते- झगड़ते रहते है
लेकिन फिर भी हम सब एक है।
यहाँ एक इतना हंसाता है तो एक इतना गुनगुनाता है,
एक इतना गुमसुम सा रहता है तो एक हमेशा चिल्लाता है ;
एक इतना शर्माता है यहाँ और एक इतना पकाता है ,
दो -चार को तो कभी बातों से ही फुर्सत नहीं मिलती
तो एक बस हमेशा खाने के पीछे ही लगा रहता है ।
इधर देर से आने की आदत एक की कभी जाती नहीं है
उधर एक के नाक से गुस्सा कभी उतरती ही नहीं है,
यहाँ एक तरफ तो कोई बस फ़ोन के साथ ही लगा रहता है हर पल
तो दुसरी और किताबों के कीड़े लाइन लगाते है;
तीसरी तरफ प्यार के पंछी कोने में बैठकर न जाने क्या क्या सपने सजाते है
और चौथी तरफ कोई बस हमेशा सोच के समंदर में ही डूबा रहता है;
एक में इतना बचपना भरा है अभी भी
तो एक यहाँ एकदम पागल सा भी लगता है;
दो -चार को कभी कभी समझना मुश्किल ही हो जाता है
लेकिन कोई है जो एक दम पानी सा भी लगता है ;
चाहे कितना भी लड़ना – झगड़ना हो यहाँ
लेकिन किसी के भी मन में कोई मेल नहीं है ।
चाहे कितना भी लड़ना – झगड़ना हो यहाँ
किसी के भी मन में कोई मेल नहीं है।
काश वो वक्त वही रूक जाता ,
काश हम वैसे ही हर रोज़ मिल पाते ,
हर दिन कॉलेज जा पाते , हर दिन दोस्तों से मिल पाते ,
हर दिन यू ही खिलखिलाते और
हर दिन मुस्कुराते….
लेकिन एक दिन कॉलेज खत्म हो ही गई
और रिजल्ट भी आ गया सबके हाथों में ;
कॉलेज छूटी , दोस्त भी दूर चले गए
रह गए बस उनसे जुड़ी कुछ खूबसूरत यादें।
उन यादों को ही साथ लेकर चलती हूँ मैं अब हर रोज
शायद मेरे दोस्तों का भी यही हाल है ;
आज भविष्य को लेकर भी कुछ चिंताए है
और कुछ कुछ जिम्मेदारियों का भी एहसास हो रहा है।
धीरे -धीरे ज़िन्दगी भी आज कुछ बदल सा गया है , कुछ नए दोस्त भी मिल रहे है ,
लेकिन कॉलेज के वो दिन तो हमेशा ही याद आती रहती है
दोस्तों से बिछड़ जाने का गम अब भी बहुत सताती है।
यू तो आज बहुत से नए लोगो को दोस्त बनाने की कोशिश करती हूँ
लेकिन वो वाली बात आज कही मिलती ही नहीं है ;
क्या करू … कुछ कर भी तो नहीं सकती
वक़्त के हाथों हम सभी मजबूर है।
अब उम्मीद तो यही है सदा ये दोस्तीं बनीं रहेगी
हम चाहे मिले या न मिले
दिल में तो मोहव्बत हमेशा ही रहेगी ।
दोस्त चाहे कहीं भी रहे
यादें तो हमेशा याद आती ही रहेगी,
जो जहा रहे हमेशा खुशी में ही रहे
दिल से तो अब बस यही दुआ निकलती रहेगी
बस यही दुआ निकलती रहेगी …
आज कल तो Internet का ही जमाना है
तो थोड़ी थोड़ी खबरें तो सबकी मिलती ही रहेगी ।

यहाँ के हम सिकन्दर
(Source:DD National) Part 1
ये कितने छोटे -लम्बे पल
ये आज की बातें बिता कल
ये एक शहर है सपनो का
वो एक गली वो एक खिड़की
जो सपनो सी खुल जाती है
पागल सा वो एक लड़का और चंचल सी वो एक लड़की
और कितने चेहरे ख्वाबों के
हर रोज़ सड़क पर मिलते है
ये उम्मीदों के शहजादे
सपनो के शहर के ये वासी
दुनिया का धड़कता दिल है ये
हिम्मत का एक समंदर है
यहाँ के ये सिकंदर है
यहाँ के ये सिकंदर है
ये भक्कर भी है राजा भी
दुनिया का बजा दे बाजा भी
ये लंगर डाले चाँद पे भी
और बॉल बनाले सूरज की भी
पड़ी जान दे बोल के ये
हर मुश्किल से भीड़ जाते है
एक जेब झटक दे जहा भी ये
सपनो के ढेर लगाते है
ये उम्मीदों के शहजादे
सपनो के शहर के ये वासी
दुनिया का धड़कता दिल है ये
हिम्मत का एक समंदर है
यहाँ के ये सिकंदर है
यहाँ के ये सिकंदर है
Part 2
ख्वाबों का एक मोहल्ला है
सब गालिया नुक्कड़ घर द्वारें
सब आँगन चीड़ी चोवारे
कितनी यादों को समेटे है
वो लम्हे जो के बीत गए
वो लम्हे जो के साथ रहे
वो सारी बातें यारों की
कुछ जीतो की कुछ हारो की
गरम चाय के प्याले कुछ
वो चुराके खाये निवाले कुछ
बस्ते में छुपी खुशिया सारी
एक आँख जो उसने थी मारी
वो लड़की भोली भाली सी
जो मुझसे हंसकर मिलती थी
वो लड़का कुछ शर्मीला सा
जो चुप रहता पर आखो से सब था कहता
और ऐसी ही कितनी यादें
सब याद रहेंगे सदियों तक
हम रोज़ नहीं मिल पायेंगे
पर याद हमेशा आयेंगे
ख्वाबों का जो ये मोहल्ला है
इसमें यादों के समंदर है
यहाँ के सब सिकंदर है
यहाँ के सब सिकंदर है